अम्मी कहों या कहो मां उसके प्यार में कुछ अलग बात हैहर मार में एक अलग एहसास हैवो तड़प जाती है अपने बच्चो की खातिरमगर बच्चे है जो उसे भुला जाते है जिसके रहती है जन्नत कदमों के नीचेजो दिलाती है एहसास खुदा के जैसेवो बस है दुनिया में एक शख़्सियत ऐसेजो कहलाती है मां, मम्मी ,...
क्या गजब का खेल खुदा का हैफिज़ा है साफ तो मुंह पर मास्क हैए इंसान तू भी देखतू कैद है और पक्षी आजाद है
बाद ए सबा कुछ इस कदर हसीन लगती हैछूती है जब चेहरे को, दिल को सुकून दे जाती है बाद ए सबा:: सुबह वाली हवा सारांश :: जब सुबह की हवा चेहरे पर छूती है तब शरीर में एक अलग तरह की चमक रहती है जो उसे दिन भर चुस्त रखती है। उसे काम में मन लगता है और दिल भी उसका शांत रहता है...
तुझसे प्यार किया आज ये गलती लगती हैज़िन्दगी हसते हसते रुलाने लगती हैअब किस्से करे शिकायतें अब तू ही बतातुझसे बिछड़ कर आज सब बेगाने लगते...
वो सेहरी की नूर दिखेगीइफ्तार में बरकत मिलेगीकहा ऐसे खुशियां दिखेगीये तो रमज़ान में ही मिलेगी...