ऐ इंसान तू क्या बन गयादेखते देखते कितना बदल गयामार जाते है लोग तेरी आंखो के सामनेतू तो बस पत्थर दिल बन गयाऐ इंसान तू क्या बन गयादेखते देखते कितना बदल गया क्यों तू इंसान की पहचान खो रहाबेजुबान जानवरो को तड़पा कर मार रहाकहता है खुद को इंसान बेशक मगरक्या तू कोई ऐसा काम...
तुझसे प्यार किया आज ये गलती लगती हैज़िन्दगी हसते हसते रुलाने लगती हैअब किस्से करे शिकायतें अब तू ही बतातुझसे बिछड़ कर आज सब बेगाने लगते...
खुशियों की तलाश मेंआज फिर उदासी मिली हैउससे बातें करनी चाहीमगर आज भी वो दूर रही है #implicitwords_
उसके चेहरे की झलकआंखों को ठंडक देती हैंमुलाक़ात जब उससे होती हैतब कहीं जा के दिल को सुकून मिलती है💙
अमीरों के वजह से आया था जोआज गरीबों को सता रहा हैअमीर तो आराम से पकवान खा रहे हैंऔर गरीब अपने बच्चों को भूखा सुला रहा है।...