दिन हो या रात होहर वक़्त तुम्हारी फिक्र में रहती हैमां बिना ज़िन्दगीहर पल अधूरी लगती हैं क्या कहना उसके प्यार काजो ज़िन्दगी में मिलती हैमां खुश रहेतो ज़िन्दगी हसीन लगती है हर पल ज़िन्दगीकाम में गुजार देती हैकभी अपनी तकलीफकिसी से बयान नहीं करती है वो चले जाए जो दुनिया...
अम्मी कहों या कहो मां उसके प्यार में कुछ अलग बात हैहर मार में एक अलग एहसास हैवो तड़प जाती है अपने बच्चो की खातिरमगर बच्चे है जो उसे भुला जाते है जिसके रहती है जन्नत कदमों के नीचेजो दिलाती है एहसास खुदा के जैसेवो बस है दुनिया में एक शख़्सियत ऐसेजो कहलाती है मां, मम्मी ,...